इंडोनेशिया के एक पहाड़ी इलाके में, टोराजा लोग मृतक के शरीर को ममीकृत करते हैं और उनके संरक्षित शरीर की देखभाल करते हैं जैसे की वे अभी भी जीवित हैं। तोराजन लोगों का मानना है की मृत्यु के बाद आत्मा घर में रहती है इसलिए मृतकों को भोजन, कपड़े, पानी दिया जाता है।मृत शरीर की बदबू तेज़ होती है इसलिए परिवार गंध को छिपाने के लिए शरीर के बगल में सूखे पौधों को रखते हैं। तोराजा में हर दिन मृतक को खिलाने और लाशों को घर के एक अलग कमरे में आराम से बिस्तर पर रखने की प्रथा है, जब तक की परिवार अंतिम संस्कार के लिए खर्च नहीं कर सकता है जिसमें परिवार की जाति के आधार पर आसानी से 50,000- 5,00,000 डाॅलर का खर्च आता है। गाँव के कई लोग कहते हैं की देरी से दफनाने से शोक प्रक्रिया में मदद मिलती है। दफनाने के बाद भी हर वर्ष अगस्त के महीने में मृतकों को उनकी कब्र से बाहर लाया जाता है, उनके शरीर के कीड़ों और गंदगी को धोकर व नए कपड़े देकर उनको वापस दफनाया जाता है।